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संघ लोक सेवा आयोग तथा इस परीक्षा में अभ्यर्थी/उम्मीदवार से अपेक्षाएं
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की अधिसूचना के अनुसार किसी अभ्यर्थी या उम्मीदवार से कुछ स्तर तक प्रारंभिक परीक्षा एवं प्रधान/मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र हेतु मुख्यतः निम्नलिखित अपेक्षाएं हैं

- सामान्य ज्ञान/अध्ययन/समझ : प्रश्नपत्र में प्रश्न इस स्तर के होते हैं कि कोई भी सुशिक्षित व्यक्ति बिना किसी विशेष अध्ययन के उनका उत्तर देने में सक्षम हो सकता है।
- सुशिक्षित : परीक्षा अधिसूचना सुशिक्षित शब्द के अर्थ की कोई ठोस व्याख्या प्रदान नहीं करती है।
- इसमें केवल स्नातक होने की प्रक्रियात्मक आवश्यकता शामिल है।
- सामान्य जागरूकता/जिज्ञासा का भाव : प्रश्न उम्मीदवार की सामान्य जागरूकता का परीक्षण करते हैं।
- आधारभूत समझ
- विषय
- पाठ्यक्रम
- प्रासंगिक मुद्दे
- विश्लेषणात्मक क्षमता में वृद्धि : प्रश्न उम्मीदवारों से विश्लेषण करने की क्षमता की मांग करते हैं।
- दृष्टिकोण : उम्मीदवारों को परस्पर विरोधी सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों, उद्देश्यों और मांगों पर एक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता है।

प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम (Preliminary Exam Syllabus)
प्रश्न पत्र 1 : सामान्य अध्ययन
पूर्णांक – 200 अंक
अवधि – 2 घंटे
प्रश्न सं. – 100
विषय-सूची
- सामयिक घटनाएँ
- राष्ट्रीय महत्व की
- अंतर्राष्ट्रीय महत्व की
- इतिहास
- भारत का इतिहास
- भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन
- भारत एवं विश्व भूगोल
- प्राकृतिक भूगोल,
- सामाजिक भूगोल
- आर्थिक भूगोल
- भारतीय राज्यतंत्र और शासन
- संविधान
- राजनैतिक प्रणाली
- पंचायती राज
- लोक नीति
- अधिकार सम्बन्धी मुद्दे, आदि
- आर्थिक और सामाजिक विकास
- सतत विकास
- गरीबी
- समावेशन
- जनसांख्यिकी
- सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि
- सामान्य मुद्दे जिनके लिए विषयगत विशेषज्ञता
- आवश्यक नहीं है
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी
- जैव विविधता
- मौसम परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे
- सामान्य विज्ञान
- सामान्य स्तर
प्रश्न पत्र 2 : बोधगम्यता (CSAT)
पूर्णांक – 200
अंक अवधि – 2 घंटे
प्रश्न सं. – 80

मुख्य/प्रधान परीक्षा पाठ्यक्रम (Mains exam syllabus)
प्रधान परीक्षा का उद्देश्य अभ्यर्थियों के समग्र बौद्धिक गुणों तथा उनके गहन ज्ञान का आकलन करना है, मात्र उनकी सूचना के भण्डार तथा स्मरण शक्ति का आकलन करना नहीं। हम आज सामान्य अध्ययन पाठ्यक्रम के विषयों तथा उप-विषयों को समझने का प्रयास करेंगे
प्रश्न पत्र – 1, (निबंध)
अभ्यर्थी को विविध विषयों पर निबंध लिखना होगा। उनसे अपेक्षा की जाएगी कि वे निबंध के विषय पर ही केन्द्रित रहें तथा अपने विचारों को सुनियोजित रूप से व्यक्त करें और संक्षेप में लिखें। प्रभावी और सटीक अभिव्यक्ति के लिए अंक प्रदान किए जाएँगे।
पूर्णांक – 250
अंक अवधि – 3 घंटे
प्रश्न सं. – अज्ञात
प्रश्न पत्र – 2, (सामान्य अध्ययन – I)
पूर्णांक – 250 अंक
अवधि – 3 घंटे
प्रश्न सं. – 20

भारतीय विरासत और संस्कृति | भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू |
आधुनिक भारतीय इतिहास | 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास > महत्वपूर्ण घटनाएँ > व्यक्तित्व > विषय स्वतंत्रता संग्राम > विभिन्न चरण देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति, उनका योगदान > स्वतंत्रता के पश्चात देश के अन्दर एकीकरण और पुनर्गठन |
विश्व का इतिहास | विश्व के इतिहास में 18वीं सदी की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुन:सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद आदि, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव। |
भारतीय समाज | भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता, महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं सम्बद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय, भारतीय समाज पर भूमण्डलीकरण का प्रभाव, सामाजिक सशक्तीकरण, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद, धर्म-निरपेक्षता |
विश्व भूगोल | भौतिक भूगोल : विश्व के भौतिक–भूगोल की मुख्य विशेषताएँ प्राकृतिक संसाधनों का वितरण > विश्वभर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण > दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए, उद्योग, आर्थिक भूगोल, अर्थव्यवस्था > विश्व के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक > भारत के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक भौतिकीय घटनाएं – भूकम्प, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू–भौतिकीय घटनाएँ। भूगोलीय विशेषताएँ और उनके स्थान – अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणि–जगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव। |
प्रश्न पत्र – 3, (सामान्य अध्ययन – II)
शासन व्यवस्था, संविधान शासन–प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्ध।
पूर्णांक – 250
अंक अवधि – 3 घंटे
प्रश्न सं. – 20

भारतीय संविधान | संविधान का परिचय – ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, महत्वपूर्ण प्रावधान, संशोधन, बुनियादी संरचना, भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना |
शासन प्रणाली | संघवाद और भारतीय संघीय व्यवस्था परिचय – संघ और उसका राज्यक्षेत्र, नागरिकता, संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से सम्बन्धित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शाक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ। सरकार का चरित्र: विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण (शक्ति केन्द्रीयकरण से जोड़कर) संसद और राज्य विधायिका – संरचना, कार्य, कार्य–संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यसरकार के मंत्रालय एवं विभाग, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान प्रभावक समूह और औपचारिक / अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका, विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति विभिन्न संवैधानिक निकाय > शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व > सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध–न्यायिक निकाय जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ |
शासन व्यवस्था | > अधिशासन- शासन – गवर्नेंस, > लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका, > शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, > ई–गवर्नेस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ, > नागरिक चार्टर/नागरिक घोषणापत्र, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय |
सामाजिक न्याय तथा लोक नीति | अधिकार सम्बन्धी मुद्दे – मुख्य संवर्ग, कानून और उनके मुद्दे, > केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य–निष्पादन, > इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय > स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से सम्बन्धित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बन्धित विषय > गरीबी और भूख से सम्बन्धित विषय > सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा > कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय > विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग——गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, > विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका |
अंतरराष्ट्रीय सम्बन्ध | भारत तथा विश्व > भारत एवं इसके पड़ोसी–सम्बन्ध चीन, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, अफ़ग़ानिस्ता, आदि। > द्विपक्षीय समूह > क्षेत्रीय समूह और वैश्विक समूह और > भारत से सम्बन्धित और / अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार अन्तराष्ट्रीय पटल, मंच, नीतियाँ, राजनीति > भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव > महत्वपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच——उनकी संरचना, अधिदेश |
प्रश्न पत्र -4, (सामान्य अध्ययन – III)
प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
पूर्णांक – 250 अंक
अवधि – 3 घंटे
प्रश्न सं. – 20

सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 का विषयानुसार विभेदन इस प्रकार है
भारतीय अर्थव्यवस्था | योजना, संसाधन, प्रगति, विकास, रोजगार, समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय, बजट, मुख्य फसलें a. पेटर्न, सिंचाई – प्रणाली, b. कृषि उत्पाद भण्डारण, c. परिवहन तथा विपणन d. संबंधित विषय e. किसानों की सहायता – ई प्रद्योगिकी कृषि सहयाता a. प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता b. न्यूनतम समर्थन मूल्य c. जन वितरण प्रणाली i. उद्देश्य, ii. कार्य, iii. सीमाएँ, iv. सुधार, v. बफर स्टॉक d. खाद्य सुरक्षा e. प्रद्योगिकी मिशन f. पशुपालन सम्बन्धी अर्थशास्त्र खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग संबंधित a. कार्यक्षेत्र एवं महत्व, b. स्थान, c. ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, d. आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन भारत में भूमि सुधार उदारीकरण a. अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, b. औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा c. औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव बुनियादी ढांचा a. ऊर्जा, b. बंदरगाह, c. सड़क, d. विमानपत्तन e. रेलवे आदि निवेश मॉडल |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास, अनुप्रयोग, रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव > भारतीयों की उपलब्धियाँ, > देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और > नई प्रौद्योगिकी का विकास > सूचना प्रौद्योगिकी, > अंतरिक्ष, > कम्प्यूटर, > रोबोटिक्स, > नैनो–टैक्नोलॉजी, > बायो–टैक्नोलॉजी > बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से सम्बन्धित विषयों के सम्बन्ध में जागरूकता |
पर्यावरण और आपदा प्रबंधन – भूगोल से संबंधित | संरक्षण, > पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, > पर्यावरण प्रभाव का आकलन > आपदा और आपदा प्रबंधन |
सुरक्षा | विकास और फैलते उग्रवाद के बीच सम्बन्ध > आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, > आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका > साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, > धन शोधन और इसे रोकना > सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन > संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच सम्बन्ध > विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश |
प्रश्न पत्र – 5, (सामान्य अध्ययन – IV)
नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरूचि
पूर्णांक – 250 अंक
अवधि – 3 घंटे
प्रश्न सं. – 12

इस प्रश्नपत्र का चरित्र | इस प्रश्न–पत्र में ऐसे प्रश्नों को शामिल क्या जाता है जो सार्वजनिक जीवन में अभ्यर्थियों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से सम्बन्धित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार–व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करते हैं। इन आयामों का निर्धारण करने के लिए प्रश्न–पत्रों में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है. |
नीतिशास्त्र | नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह–सम्बन्ध > मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, > इसके निर्धारक और परिणाम, > नीतिशास्त्र के आयाम, > निजी और सार्वजनिक सम्बन्धों में नीतिशास्त्र > मानवीय मूल्य > महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा > मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका > भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान |
अभिवृत्ति | > सारांश (कंटेंट), संरचना, वृत्ति > विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं सम्बन्ध, > नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि, > सामाजिक प्रभाव और धारणा |
भावनात्मक समझ | अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग |
सिविल सेवा सम्बन्धी | सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य > सत्यनिष्ठा, > भेदभाव रहित तथा गैर–तरफदारी, > निष्पक्षता, > सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, > कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना लोक प्रशासनों में लोक / सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र > स्थिति तथा समस्याएँ > सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिन्ताएँ तथा दुविधाएँ > नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अन्तर्रात्मा, > शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढीकरण, > अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों तथा निधि व्यवस्था (फण्डिंग) में नैतिक मुद्दे, > कारपोरेट शासन व्यवस्था शासन व्यवस्था में ईमानदारी > लोक सेवा की अवधारणा > शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार > सरकार में सूचना का आदान–प्रदान और पारदर्शिता > सूचना का अधिकार > नीतिपरक आचार संहिता > आचरण संहिता > नागरिक घोषणा पत्र > कार्य संस्कृति > सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता > लोक निधि का उपयोग > भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ |
केस स्टडी | उपर्युक्त विषयों पर मामला सम्बन्धी अध्ययन |
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