प्रसंग : भारत निर्वाचन आयोग के आँकड़ों के अनुसार कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 2.6 लाख से अधिक मतदाताओं ने नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का विकल्प चुना।
NOTA क्या है
- NOTA (उपरोक्त में से कोई नहीं) मतदाताओं को प्रदान किया गया एक मतपत्र विकल्प है।
- यह मतदाता को आधिकारिक रूप से चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों के लिए अस्वीकृति का वोट दर्ज करने में सक्षम बनाता है।
- यह इंगित करता है कि मतदाता ने किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं देने का विकल्प चुना है।
उद्देश्य
- NOTA का उद्देश्य मतदाताओं की गोपनीयता का उल्लंघन किए बिना, चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार करने के उनके अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाना है।
शुरुआत
- NOTA का उपयोग पहली बार 2013 के पाँच राज्यों, छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में और बाद में 2014 के आम चुनावों में किया गया था।
- इसे PUCL बनाम भारत संघ वाद में उच्चतम न्यायलय द्वारा 27 सितम्बर 2013 को दिए गए निर्णय के बाद चुनावी प्रक्रिया में लागू किया गया था।
EVM में NOTA
- इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में नोटा का विकल्प उम्मीदवारों की सूची में सबसे नीचे दिया जाता है।
- सितम्बर 2015 से नोटा के लिए एक चुनाव–चिह्न भी आवंटित किया गया है।
- इस चिह्न को ‘नेशनल डिजाइन इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद’ द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
NOTA का प्रभाव
- NOTA का कोई प्रभावी चुनावी मूल्य नहीं है।
- यदि NOTA के पक्ष में सबसे अधिक वोट दिए गए हों, तब भी सबसे अधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित किया जाएगा।
- कई राज्यों में स्थानीय निकाय चुनावों में भी NOTA का विकल्प रखा जाता है।