प्रसंग : भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार ऑपरेटरों की दक्षता में सुधार के लिए एक राष्ट्रव्यापी क्षमता निर्माण अभियान शुरू किया है।
प्राधिकरण बारे में
- यह इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन, भारत सरकार द्वारा ‘आधार (वित्तीय और अन्य सहायिकियों, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्ष्यित परिदान) अधिनियम, 2016’ के प्रावधानों के तहत स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है।
- इसे विशिष्ट पहचान संख्या (UID) जारी करने के लिए बनाया गया है, जिसे भारत के सभी निवासियों के लिए ‘आधार संख्या’ के रूप में भी जाना जाता है।
- आधार अधिनियम 2016 के तहत, यूआईडीएआई आधार नामांकन और प्रमाणीकरण के लिए जिम्मेदार है, जिसमें आधार जीवन चक्र के सभी चरणों के संचालन और प्रबंधन और व्यक्तियों को आधार संख्या जारी करने की प्रणाली शामिल है।
उद्देश्य
- भारत के निवासियों को एक ऐसी विशिष्ट पहचान और डिजिटल प्लेटफार्म के साथ सशक्त बनाना, जिसे कभी भी, कहीं भी सत्यापित किया जा सके।
संरचना
- यूआईडीएआई में एक अध्यक्ष, दो अंशकालिक सदस्य और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) शामिल हैं, जो प्राधिकरण के सदस्य–सचिव भी हैं।
आधार
- यह एक निश्चित सत्यापन प्रक्रिया के बाद भारत के निवासियों को UIDAI द्वारा जारी 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या है।
- आधार संख्या प्राप्त करने के लिए, व्यक्तियों को न्यूनतम जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी प्रदान करनी होती है, जिसमें नाम, जन्म तिथि या आयु, लिंग, पता, मोबाइल नम्बर और ई–मेल आईडी (वैकल्पिक), उंगलियों के निशान, आँखों की पुतलियों का स्कैन और चेहरे की तस्वीर शामिल होता है।
- यह भारत के निवासियों के लिए पहचान के प्रमाण और पते के प्रमाण के रूप में कार्य करता है।
- आधार संख्या प्रत्येक व्यक्ति के लिए अद्वितीय है और जीवन भर के लिए मान्य रहेगी।
- यह निवासियों को बैंकिंग, मोबाइल फोन कनेक्शन और अन्य सरकारी और गैर–सरकारी सेवाओं का उचित समय पर लाभ उठाने में मदद करेगा।