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‘सागर परिक्रमा’ के चरण–V की शुरुआत

प्रसंग : केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने हाल ही में सागर परिक्रमा पहल के चरण–V के शुरुआत की घोषणा की है।

सागर परिक्रमा के बारे में

  • सागर परिक्रमा कार्यक्रम की शुरुआत ‘क्रांति से शांति’ विषय के साथ 5 मार्च 2022 को मांडवी, गुजरात (श्यामजी कृष्ण वर्मा का स्मारक) में हुई थी।
  • यह आजादी का अमृत महोत्सव में सभी मछुआरों, मछली किसानों और सम्बन्धित हितधारकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए तटीय क्षेत्र में समुद्र में परिकल्पित एक विकासवादी यात्रा है।
  • इस यात्रा का उद्देश्य प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जैसे विभिन्न मत्स्य पालन योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से मछुआरों और हितधारकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।
  • सागर परिक्रमा से सरकार को देश में तटीय समुदाय के लोगों, विशेषकर समुद्री मछुआरों के जीवन में गुणवत्ता लाने तथा आर्थिक कल्याण में सुधार के लिए बेहतर नीति तैयार करने में मदद मिलेगी।
  • यात्रा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा तथा तटीय मछुआरा समुदाय की आजीविका के लिए समुद्री मत्स्य संसाधनों के उपयोग और समुद्री इकोसिस्टम की सुरक्षा के बीच स्थायी सन्तुलन, मछुआरा समुदायों के बीच के अन्तर को पाटने, मछली पकड़ने वाले गाँव का विकास, मछली पकड़ने के बन्दरगाहों तथा मछली लैंडिंग केंद्रों जैसी अवसरंचना के उन्नयन और निर्माण पर केंद्रित होगी, ताकि एक इकोसिस्टम दृष्टिकोण से सतत और उत्तरदायी विकास सुनिश्चित किया जा सके।

नोडल मंत्रालय

  • इस कार्यक्रम का नोडल मंत्रालय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय है।

कार्यान्वयन

  • परिक्रमा के साथ देश भर के राज्य मत्स्य अधिकारी, मछुआरे के प्रतिनिधि, मछली किसान उद्यमी, हितधारक, पेशेवर, अधिकारी तथा वैज्ञानिक होंगे।
  • चरण–V की यात्रा में महाराष्ट्र के रायगढ़, रत्नागिरी और सिन्धुदुर्ग जिले तथा और गोवा में वास्को, मोरमुगाओ और कनकोना जिले कवर किए जाएँगे।
  • यात्रा के दौरान, मछुआरों, तटीय मछुआरों, मछली किसानों और युवा मत्स्य उद्यमियों को PMMSY, KCC और राज्य की योजनाओं से सम्बन्धित प्रमाण–पत्र तथा स्वीकृति प्रदान की जाएगी।

लाभ

  • भारत की तटरेखा 8,118 किलोमीटर है, जिसमें 9 समुद्री राज्य तथा 4 केन्द्रशासित प्रदेश आते हैं और 2.8 मिलियन मछुआरों को आजीविका सहायता प्रदान करते हैं।
  • मछली उत्पादन के वैश्विक हिस्से में भारत का योगदान 8% है और इसे विश्व में तीसरे सबसे बड़े मछली उत्पादक के रूप में स्थान दिया गया है।
  • देश का कुल मछली उत्पादन 162.48 लाख टन है। जिसमें से 121.21 लाख टन अंतरदेशीय और 41.27 लाख टन समुद्री है।
  • 2021-22 में मत्स्य निर्यात का मूल्य 57,586.48 करोड़ रुपए था। यह क्षेत्र जीवीए में स्थिर विकास दर दिखाता है और कृषि निर्यात में लगभग 17 प्रतिशत योगदान देता है।
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