प्रसंग : राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र (NCGG) ने बांग्लादेश के सिविल सेवकों के 58वें बैच के लिए अपना प्रमुख क्षमता निर्माण कार्यक्रम (CBP) पूरा किया।
स्थापना
- इस केन्द्र की उत्पत्ति लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) द्वारा 1995 में स्थापित राष्ट्रीय प्रशासनिक अनुसंधान संस्थान (NIAR) से हुई है। 19 वर्षों तक इसने अकादमी को लोक–प्रशासन से सम्बन्धित शोध तथा प्रशिक्षण में सहयोग प्रदान किया।
- 24 फरवरी 2014 को राष्ट्रीय प्रशासनिक अनुसंधान संस्थान (NIAR) के उद्देश्यों को अधिक व्यापक करते हुए राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र (NCGG) के रूप में इसे पुनर्स्थापित किया गया।
- इसका प्रधान कार्यालय नई दिल्ली में और शाखा कार्यालय मसूरी में है।
उदेश्य
- प्रशासनिक, सामाजिक, आर्थिक और वित्तीय क्षेत्रों में शासन और नीतिगत सुधारों के लिए एक थिंक टैंक की भूमिका लेना
- सरकार और उसके पैरास्टेटल संगठनों के भीतर सुशासन, ई–गवर्नेंस, नवाचार और परिवर्तन प्रबंधन को बढ़ावा देने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं, पहलों और कार्य–प्रणालियों सम्बन्धी सूचना की एक नेशनल रिपोजीटरी के रूप में कार्य करना
- राष्ट्रीय, राज्यीय और स्थानीय स्तरों पर विनियामक एवं विकास प्रशासन, लोक नीति, शासन और सार्वजनिक प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर कार्रवाई अनुसंधान और क्षमता निर्माण के कार्य आरम्भ करना और उनमें भाग लेना
- शासन के प्रमुख मुद्दों पर सलाह देना और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों तथा राज्य सरकारों के बीच तालमेल विकसित करना
- शासन के नवीन विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और उनके रेप्लिकेशन को बढ़ावा देना
- सरकार के भीतर और बाहर, उक्त क्षेत्रों में अनुसंधान और क्षमता निर्माण में लगे राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सम्पर्क–संवाद करना
कार्य
- इसका सरोकार सभी क्षेत्रों में स्थानीय, राज्यीय शासन से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के शासन के विविध मुद्दों से है।
- इस केन्द्र का दायित्व शासन, नीतिगत सुधार और भारत तथा अन्य विकासशील देशों के सिविल सेवकों और टेक्नोक्रेट्स के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण के क्षेत्रों में काम करने का है।
- यह केन्द्र, भारत सरकार के थिंक टैंक के रूप में भी कार्य करता है।
- यह केन्द्र, देश के एक शीर्ष स्तर के संस्थान के रूप में, केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों और उसकी एजेन्सियों को मार्गदर्शन प्रदान करता है और सुशासन की पहल करने तथा नीतिगत सुधारों को बढ़ावा देने में सहायता करता है।