प्रसंग : 31 मार्च 2023 तक अनुसूचित जाति (SC) / अनुसूचित जनजाति (ST) के कुल 1,06,854 उद्यमियों को राष्ट्रीय SC–ST हब योजना के तहत सहायता प्रदान की जा चुकी है।
शुरुआत : राष्ट्रीय SC–ST हब की शुरुआत 18 अक्टूबर 2016 को हुई थी। यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी।

उद्देश्य : NSSH का उद्देश्य SC–ST उद्यमियों का क्षमता वर्द्धन करना तथा SC–ST समुदायों में ‘उद्यमिता संस्कृति’ को बढ़ावा देना है। यह योजना प्रौद्योगिकी उन्नयन और क्षमता निर्माण द्वारा SC–ST उद्यमों को सार्वजनिक प्रापण प्रक्रिया में प्रभावी ढंग से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
- सार्वजनिक प्रापण नीति संशोधन आदेश, 2018 में केन्द्रीय सरकार के मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा एक वर्ष में खरीदे जाने वाले उत्पाद और सेवाओं का न्यूनतम 25% सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों से खरीदना अनिवार्य किया गया है, जिसमें कुल खरीददारी का 4 % SC–ST उद्यमियों के स्वामित्व वाले सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों से खरीदना अनिवार्य है।
NSSH के मुख्य कार्यों में शामिल है :
- सार्वजनिक प्रापण नीति के तहत 4 % हिस्सा प्राप्त करने के लिए SC–ST उद्यमियों के स्वामित्व वाली इकाइयों को प्रोत्साहित करना
- SC–ST उद्यमों को सरकारी खरीद प्रक्रिया में भाग लेने के लिए संवेदनशील बनाने, प्रोत्साहित करने और समर्थ बनाने के लिए उद्योग–संघों के जरिए हस्तक्षेप के लिए रणनीति तैयार करना
- SC–ST उद्यमियों और उनके उद्यमों से सम्बन्धित सूचनाओं का संग्रहण, मिलान और प्रसार करना
- SC–ST उद्यमों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा मेंटरिंग सहायता प्राप्त करने और विकास वेंडर कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए सुविधा प्रदान करना
- आपूर्ति और निपटान महानिदेशालय (DGS&D) के ई–प्लेटफार्म के जरिए सरकारी खरीद में SC–ST उद्यमियों की सहभागिता के लिए सुविधा प्रदान करना और इसकी प्रगति को मॉनीटर करना
NSSH की उप–स्कीमें :
इसकी उप–स्कीमों में एकल बिंदु पंजीकरण स्कीम (SPRS), विशेष विपणन सहायता स्कीम (SMAS), बैंक लोन प्रोसेसिंग प्रतिपूर्ति स्कीम, बैंक गारंटी शुल्क प्रतिपूर्ति स्कीम, परीक्षण शुल्क प्रतिपूर्ति स्कीम, निर्यात संवर्धन परिषद् सदस्यता प्रतिपूर्ति स्कीम तथा क्षमता निर्माण प्रबंधन प्रशिक्षण शुल्क प्रतिपूर्ति स्कीम शामिल हैं।
कार्यान्वयन
इस योजना को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) के माध्यम से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।