प्रसंग : UK की विनियामक संस्था ‘ह्यूमन फर्टिलाइजेशन एंड एम्ब्रियोलॉजी अथॉरिटी (HFEA)’ ने पुष्टि की है कि अप्रैल 2023 तक माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी (MRT) का उपयोग करके पाँच से कम बच्चे पैदा हुए हैं।
माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट थेरेपी (MRT) के बारे में
- यह इन–विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) का एक नया रूप है, जो जैविक माता के असामान्य माइटोकॉन्ड्रियल DNA को दाता महिला के स्वस्थ DNA से बदलने के सिद्धांत पर काम करता है।
MRT का इस्तेमाल
- कोशिकाओं में दो प्रकार के DNA होते हैं–
(i) न्यूक्लियर DNA, जो माता और पिता दोनों से विरासत में मिलता है।
(ii) माइटोकॉन्ड्रियल DNA, जो केवल माता से विरासत में मिलता है।
- माइटोकॉन्ड्रियल रोगों से पीड़ित माताओं के बच्चे, माता के उस आनुवांशिक रोग से ग्रसित न हों, इसलिए यह थेरेपी डिजाइन की गई है।
MRT की प्रक्रिया
- इसे थ्री–पैरेंट IVF भी कहा जाता है।
- इसमें जैविक माता–पिता के साथ एक महिला दाता भी शामिल होती है।
- माइटोकॉन्ड्रियल रोग से ग्रसित माता के अंडे से न्यूक्लियर DNA को स्वस्थ दाता महिला के अंडे में प्रतिस्थापित किया जाता है।
- उसके बाद अंडे को पिता के शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है।
- इस तरह, शिशु को अपने माता–पिता से DNA के साथ–साथ दाता महिला से 37 जीन भी प्राप्त होते हैं। इसलिए इस तकनीक को थ्री–पैरेंट IVF भी कहा जाता है।
इन–विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF)
- यह एक प्रकार की असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) है, जहाँ शुक्राणु और अंडाणु को मानव–शरीर के बाहर निषेचित किया जाता है।
- IVF एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें अंडाशय से अंडे प्राप्त करना और उन्हें निषेचन के लिए प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ मैनुअल रूप से जोड़ना शामिल है।
- निषेचन के कई दिनों बाद, निषेचित अंडे (जो भ्रूण बन चुका होता है) को गर्भाशय के अन्दर रखा जाता है। गर्भावस्था तब होती है जब यह भ्रूण खुद को गर्भाशय की दीवार में प्रत्यारोपित करता है।
माइटोकॉन्ड्रिया
- माइटोकॉन्ड्रिया झिल्लीबद्ध कोशिकांग है, जो कोशिका की जैव रासायनिक प्रतिक्रियाओं को शक्ति प्रदान करने के लिए आवश्यक रासायनिक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
- माइटोकॉन्ड्रिया को अक्सर कोशिका का बिजलीघर (पावर हाउस) के रूप में जाना जाता है।
- माइटोकॉन्ड्रिया द्वारा उत्पादित रासायनिक ऊर्जा एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) नामक एक छोटे अणु में संग्रहित होती है।