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आईएनएस मगर

प्रसंग: भारतीय नौसेना के मगर श्रेणी के उभयचर युद्ध आईएनएस मगर को 36 वर्षों की सेवा के उपरान्त डिकमीशन किया गया।

आईएनएस मगर

  • यह भारतीय नौसेना का सबसे पुराना लैंडिंग शिप टैंक (बड़ा) है।
  • यह मगर श्रेणी के उभयचर युद्धपोतों में से एक है।
  • यह गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड, कोलकाता द्वारा स्वदेशी तौर पर निर्मित है।
  • इसे भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी पोत होने का गौरव प्राप्त है।
  • इसे तत्कालीन नौसेनाध्यक्ष आर. एच. तहिलियानी द्वारा 1987 में कमीशन किया गया था।

विशेषताएँ

  • इसका नाम मगरमच्छ की एक प्रजाति के नाम पर रखा गया है।
  • पोत का भार 5,600 टन, लम्बाई 125 मीटर तथा चौड़ाई 17.5 मीटर है।
  • इसकी गति 15 नॉटिकल मिल प्रति घंटा है।

प्रमुख अभियान

  • अपनी सेवा के दौरान, आईएनएस मगर ने कई ऑपरेशनों, उभयचर अभ्यासों तथा मानवीय मिशनों में भाग लिया है, जिनमें ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ उल्लेखनीय है, जिसमें 4,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को COVID–19 महामारी के दौरान दुनिया के विभिन्न कोनों से वापस लाया गया था।

पोत ने 2004 में सुनामी के बाद बचे 1,300 से अधिक लोगों को निकालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और भारतीय सेना के साथ कई संयुक्त सैन्य अभ्यासों का हिस्सा रहा था।

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