प्रसंग : पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ग्रीन–पोर्ट दिशानिर्देश ‘हरित सागर’ लॉन्च किया।
उद्देश्य
- इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य पर्यावरणीय प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर बंदरगाह संचालन से शून्य अपशिष्ट निर्वहन प्राप्त करने और निगरानी को बढ़ावा देने के लिए अपशिष्ट को न्यूनतम करना, पुनः चक्रित करना, पुनरावृत्ति करना और दोबारा इस्तेमाल में लाना है।
- इसमें बंदरगाहों से सम्बन्धित राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के प्रमुख बिन्दु, हरित हाइड्रोजन सुविधा का विकास, एलएनजी का भंडारण, तटीय पवन ऊर्जा का उपयोग आदि शामिल हैं और यह ग्रीन रिपोर्टिंग इनीशिएटिव (GRI) मानक अपनाने के लिए अवसर प्रदान करता है।
- ये दिशानिर्देश सभी भारतीय बंदरगाहों पर पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं।
- हरित सागर दिशानिर्देश–2023 ‘प्रकृति के साथ कार्य करने’ की अवधारणा के साथ स्वयं को आगे बढ़ाते हुए और पोर्ट इकोसिस्टम के जैविक घटकों पर प्रभाव को कम करने की भावना के साथ बंदरगाह के विकास, संचालन व रखरखाव में इकोसिस्टम की कार्य क्षमता बढ़ाने की परिकल्पना करता है।
- यह बंदरगाह संचालन में स्वच्छ / हरित ऊर्जा के उपयोग, भंडारण के लिए बंदरगाह क्षमताओं के विकास, हरित ईंधनों जैसे ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, ग्रीन मेथनॉल / इथेनॉल आदि को सम्भालने और बंकर करने पर जोर देता है।
- ये दिशानिर्देश प्रमुख बंदरगाहों के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं ताकि केन्द्रित कार्यान्वयन और हरित पहलों की करीबी निगरानी और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के माध्यम से परिभाषित समय–सीमा में कार्बन उत्सर्जन में मात्रात्मक कमी के सन्दर्भ में लक्षित परिणामों को प्राप्त करने के लिए एक व्यापक कार्य–योजना तैयार की जा सके।