प्रसंग : भारत के प्रधानमंत्री ने पापुआ न्यू गिनी में FIPIC शिखर सम्मेलन के दौरान प्रशांत–द्वीपीय देशों के नेताओं के साथ मुलाकात की।
- इण्डिया–पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन (FIPIC) का तीसरा फोरम, जो पोर्ट मोरेस्बी में आयोजित किया गया था, पापुआ न्यू गिनी के साथ संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था।
- भारत के प्रधानमंत्री ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री के साथ शिखर सम्मेलन की सह–अध्यक्षता की।
- इसकी चर्चाओं में वाणिज्य, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल और जलवायु परिवर्तन सहित सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों को शामिल किया गया।
FIPIC के बारे में
- फोरम फॉर इण्डिया–पैसिफिक आइलैंड्स को–ऑपरेशन (FIPIC) भारत और 14 प्रशांत द्वीपीय राष्ट्रों के बीच सहयोग के लिए एक बहुराष्ट्रीय समूह है।
- इसमें सम्मिलित 14 प्रशांत द्वीपीय देश हैं–कुक आइलैंड्स, फिजी, किरिबाती, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, नाउरू, नीयू, समोआ, सोलोमन आइलैंड्स, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु और वानुअतु।
- उपरोक्त देशों के सभी राष्ट्राध्यक्ष / सरकार के प्रमुख नवम्बर 2014 में पहली बार सुवा, फिजी में मिले थे, जहाँ वार्षिक शिखर सम्मेलन की परिकल्पना की गई थी।
- इन देशों के साथ भारत के जुड़ाव का एक बड़ा हिस्सा दक्षिण–दक्षिण सहयोग के तहत मुख्य रूप से क्षमता निर्माण (प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति, सहायता अनुदान और ऋण सहायता) और सामुदायिक विकास परियोजनाओं में विकास सहायता के माध्यम से है।
- इस समय, भारतीय और प्रशांत द्वीपीय देशों के बीच लगभग $300 मिलियन का कुल वार्षिक व्यापार है, जहाँ निर्यात लगभग $200 मिलियन है और आयात लगभग $100 मिलियन है।
योजनाएँ और प्रगति
- भारत ने FIPIC की शुरुआत के समय कुछ प्रमुख सहायता परियोजनाओं की पेशकश की थी। जिनमें–
- जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने के लिए $1 मिलियन का एक विशेष कोष स्थापित करना
- भारत में एक व्यापार कार्यालय स्थापित करना
- डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार के लिए पैन पैसिफिक द्वीप समूह ई–नेटवर्क बनाना
- सभी 14 प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए भारतीय हवाई अड्डों पर आगमन पर वीजा का विस्तार करना
- द्वीपों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों में सहयोग करना
- प्रशांत द्वीपीय देशों के राजनयिकों को प्रशिक्षण देना आदि शामिल है।
- भारत ने सामुदायिक परियोजनाओं के लिए 14 प्रशांत द्वीपीय देशों में से प्रत्येक के लिए वार्षिक ‘अनुदान–सहायता’ को $125,000 से बढ़ाकर $200,000 कर दिया है और प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए एक नया आगंतुक कार्यक्रम शुरू किया है।
- फोरम का दूसरा शिखर सम्मेलन 21-22 अगस्त 2015 को जयपुर में आयोजित किया गया था।
- FICCI ने सितम्बर 2015 में FIPIC के लिए बिजनेस एक्सेलेरेटर फोरम लॉन्च किया था।
भारत के लिए प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ सम्बन्ध का महत्व
- प्रशांत द्वीपीय देश रणनीतिक रूप से प्रशांत महासागर में स्थित हैं, जो एशिया को अमेरिका से जोड़ता है।
- भारत इस क्षेत्र को अपने हिन्द–प्रशांत क्षेत्र विजन का हिस्सा मानता है, जो एक मुक्त, खुले और समावेशी व्यवस्था पर जोर देता है।
- हिन्द–प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना भारत और प्रशांत द्वीपीय देशों के लिए एक साझा हित है।
- हाल के दिनों में इस क्षेत्र में अपने सैन्य और राजनयिक प्रभाव को बढ़ाने के लिए चीनी प्रयासों में वृद्धि देखी गई है।
- भारत और पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री की सह–मेजबानी में FIPIC शिखर सम्मेलन का आयोजन महत्वपूर्ण है।