प्रसंग : इस वर्ष के अंत तक चीन के साथ लगने वाली ऊँची पहाड़ी सीमा में लाइट टैंक ‘जोरावर’ के परीक्षण की सम्भावना है।
जोरावर टैंक के बारे में
- यह स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित लाइट टैंक है।
- इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और निजी कम्पनी लार्सन एंड टूर्बो लिमिटेड (L&T) के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।
- इस टैंक का नामकरण प्रसिद्ध डोगरा सेनापति जनरल जोरावर सिंह के नाम पर किया गया है।
विशेषताएँ
- इसे उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्रों और सीमांत इलाकों से लेकर द्वीपीय क्षेत्रों तक, अलग–अलग इलाकों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
- किसी भी परिचालन स्थिति को पूरा करने के लिए तेजी से तैनाती के लिए यह अत्यधिक परिवहनीय होगा।
- यह सभी आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन इंटीग्रेशन, उच्च स्तर की स्थितिजन्य जागरूकता और उभयचर संचालन क्षमता से लैस होगा।
- यह उच्च शक्ति–भार अनुपात के अलावे बेहतर मारक क्षमता और सुरक्षा के साथ 25 टन से कम वजन का होगा।
जनरल जोरावर सिंह
- जोरावर सिंह 19वीं शताब्दी में किश्तवाड़ के शासक राजा गुलाब सिंह के सेनापति थे।
- उन्होंने चीन, तिब्बत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिस्सों को विजित किया था।
- उन्हें ‘पूरब का नेपोलियन’ भी कहा जाता है।
- भारत सरकार ने जनरल जोरावर सिंह की स्मृति में एक स्मारक डाक–टिकट भी जारी किया है।