प्रसंग : ब्लू–इकोनॉमी भारत की समग्र अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता होगी और डीप ओशन मिशन इसका मुख्य घटक होगा।
शुरुआत
- डीप ओशन मिशन को पहली बार 2017 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
- यह भारत सरकार की ब्लू–इकोनॉमी पहलों का समर्थन करने के लिए एक मिशन–मोड परियोजना है।
- यह हिन्द महासागर के गहरे समुद्र में पाए जाने वाले सजीव और निर्जीव संसाधनों की बेहतर समझ के लिए एक उच्च–स्तरीय बहु–मंत्रालयी, बहु–अनुशासनात्मक कार्यक्रम है।
- यह ब्लू–इकोनॉमी का दर्जा प्राप्त करने के भारत के प्रयासों में सहायता करेगा।
उद्देश्य
- इसका उद्देश्य गहरे महासागरों से सजीव और निर्जीव संसाधनों का पता लगाना और उनका सतत दोहन करने के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास करना है।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) इस बहु–संस्थागत महत्वाकांक्षी मिशन को लागू करने वाला नोडल मंत्रालय होगा।
प्रमुख घटक
- गहरे समुद्र में खनन और मानवयुक्त सबमर्सिबल के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास
- महासागर जलवायु परिवर्तन सलाहकार सेवाओं का विकास
- गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज और संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार
- गहरे समुद्र का सर्वेक्षण और अन्वेषण
- समुद्र से ऊर्जा और मीठे पानी
- महासागर जीव विज्ञान के लिए उन्नत समुद्री स्टेशन