प्रसंग : भीमगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में अतिक्रमण रोकने में विफल रहने पर दो वनरक्षकों को निलम्बित कर दिया गया है।
अवस्थिति
- यह पश्चिमी घाट श्रेणियों में कर्नाटक के बेलगाम (बेलगावी) जिले में स्थित है।
- अभयारण्य का नामकरण छत्रपति शिवाजी द्वारा पुर्तगाली सैनिकों से रक्षा के लिए निर्मित भीमगढ़ दुर्ग के नाम पर किया गया है।
- यह दक्षिण में डंडेली और नेत्रवाली वन्यजीव अभयारण्य, दक्षिण–पूर्व में भगवान महावीर अभयारण्य और मोल्लेम राष्ट्रीय उद्यान और पश्चिम में महादेई वन्यजीव अभयारण्य के साथ अपनी सीमा साझा करता है।
- इसे दिसम्बर 2011 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया था।
नदियाँ
- यह अभ्यारण्य तिलारी, मालाप्रभा, महादेई नदियों सहित कई बारहमासी धाराओं का उद्गम स्थल है।
- अभयारण्य की पश्चिमी सीमा पर चूना–पत्थर की भू–आकृतिक संरचनाएँ तथा गुफाएँ स्थित हैं।
- यह बारापीड गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है, जो एक विलुप्तप्राय जीव रोटन मुक्त–पूँछ चमगादड़ का प्रजनन क्षेत्र माना जाता है।
वनस्पति
- इसमें उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय नम चौड़ी पत्ती वाले वन हैं।
- यह क्षेत्र कई स्थानिक पौधों की प्रजातियों का भी घर है, जैसे–एंसिस्ट्रोक्लाडुशेयनियस, डायोस्पायरोस्पानिकुलाटा, यूओनिमस इंडिकस, मिरिस्टिकाअरबोरिया आदि।
वन्यजीव
- यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख वन्यजीवों में हाथी, किंग कोबरा, जंगली कुत्ते, लोमड़ी, चीतल, चित्तीदार हिरण, सांभर, सुस्त भालू, गौर, तेन्दुए और बाघ शामिल हैं।